श्रीगंगानगर. शहर में सफाई कर्मियों की हड़ताल आखिर सातवें दिन टूट गई और फिर से कचरे के ढेर का उठाव शुरू हो गया। लेकिन इस हड़ताल समाप्ति के श्रेय लेने की हौड़ इतनी अधिक हो गई कि नगर परिषद और जिला प्रशासन के बीच एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर हो गया है। विधानसभा चुनाव में विधायक और सभापति के पति के बीच चली कड़वाहड़ अब तक दूर नहीं हो पाई है।
इस बीच कलक्टर और विधायक का दावा है कि सफाई कर्मियों की हड़ताल में लगे आंदोलनकारियों से सुलह हमनें कराई है, वहीं नगरपरिषद सभापति ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की वजह से शहर ने गंदगी झेली।
रविवार को सभापति ने फिल्मी कहानी की पटकथा की तरह खुद ही चौथे दौर की वार्ता का दौर नगर परिषद सभागार में किया। यहां तक कि अब तक नेता प्रतिपक्ष बबीता गौड़ के पति पूर्व पार्षद पवन गौड़ को बकायदा सभापति के साथ कुर्सी पर बिठाया गया।
कई पार्षदों और पूर्व पार्षदों को भी इस सभागार में नगर परिषद बोर्ड की बैठक की तरह मंच सजाया। पहले से तैयार कई किरदारों ने अस्थायी सफाई कर्मियों को वेतन देने की मांग उठाई। सफाई मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों ने एक महीने की बजाय पूरे दो महीने देने की मांग फिर से की तो पहले से निर्धारित डायलॉग पर एक माह का वेतन २७ जनवरी को देने और शेष मजदूरी डीएलबी से मार्गदर्शन उपरांत देने का वायदा किया गया।
यह सुनकर चौबीस घंटे पहले तैयार लिखित समझौते पर दोनों पक्षों ने साइन कर धरना स्थल पर बैठे सफाई कर्मियों के गले में फूल माला डालकर हड़ताल समाप्ति की रस्म अदायगी की गई।
इधर, पीआरओ ऑफिस से जिला कलक्टर और विधायक की ओर से जारी सरकारी प्रेस नोट में इस हड़ताल समाप्ति का श्रेय जिला प्रशासन और विधायक की अेार से करने का दावा किया गया है।
इस बीच, सभापति की ओर से जारी बयान में बताया कि सफाई कर्मियों की हड़ताल के संबंध में अनेक बार जिला कलेक्टर को पत्र सौंपकर और व्यक्तिगत रूप से मिलकर गतिरोध समाप्त करने का आग्रह किया। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिए गए। सभापति का कहना था कि उनके परिवार ने जो वायदा किया है वह पूरा किया जाएगा।
राष्ट्रीय त्योहार के अवसर पर प्रशासन और यहां के जनप्रतिनिधि सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर नजर नहीं आए। इन दोनों रवैया पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना था। प्रशासन चाहता तो सफाई सेवकों की हड़ताल दूसरे दिन ही समाप्त हो सकती थी, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने सफाई सेवकों और नागरिकों के बीच पनपे सौहार्द को बिगाडऩे का ही प्रयास किया। जिसका नतीजा पूरे शहर में फैली गंदगी के रूप में देख रहे हैं लेकिन देर आए दुरुस्त आए वाली कहावत है।
इधर, जिला कलक्टर महावीर प्रसाद वर्मा और श्रीगंगानगर के विधायक के प्रयासो से नगर परिषद में चल रही सफाई कर्मियों की हड़ताल समाप्त हो गई। जिस समझौते फार्मूले का दावा किया है कि वह शनिवार रात को लिखित में किया गया था लेकिन इस पर सहमति एेनवक्त पर टाल गई थी लेकिन सरकारी प्रेस नोट में दावा किया कि इस समझौता वार्ता में जिला कलक्टर व विधायक के अलावा अतिरिक्त जिला कलक्टर भवानी सिंह, नगर परिषद आयुक्त उम्मेद सिंह रतनू उपस्थित रहे।
जिला कलक्टर ने इनकी माँगो के संबंध में सहमति प्रदान की है, इसमें दो माह का वेतन डीएलबी से मार्गदर्शन उपरांत देने, १४४ सफाई कर्मियों को नियमित करने का दावा किया है।