नागौर. दौरान-ए-कोरोना से आर्थिक तौर पर टूटे अभिभावकों को अब शिक्षण संस्थानों ने शुल्क नहीं तो परीक्षा नहीं की तर्ज पर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया है। पूर्व में भी इस तरह के प्रकरण प्रदेश के विभिन्न जिलों में पाए गए थे। इस शुल्क के प्रकरण को लेकर ही अभिभावकों ने सर्वोच्च न्यायालय में वाद दायर कर रखा है। अभी इस पर फिलहाल फैसला नहीं आया, लेकिन शिक्षण संस्थानों की मनमानी नहीं रुकी है। ताजा मामला शहर के एंसलम्स स्कूल का है। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर आंकड़ों की बाजीगिरी पर झूठी फीस माफी को दर्शाते हुए 35 प्रतिशत की शुल्क बढ़ोत्तरी कर इसकी जबरन वसूली किए जाने का आरोप लगाया है। अभिभावकों का कहना है कि अभी हालात बिलकुल सही नहीं है। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में स्पष्ट तौर पर दिशा-निर्देश दिए जाने के बाद भी स्कूल प्रबंधन इसकी अवहेलना कर रहा है। अभिभावकों ने जिला कलक्टर के समक्ष पेश कर अपनी पीड़ा सुनाई, और ज्ञापन पत्र दिए जाने के साथ यथोचित कार्रवाई का आग्रह किया गया है। इस संबंध में समसा के जिला मुख्य शिक्षाधिकारी संपतराम का कहना है कि प्रकरण पाए जाने पर इस संबंध में जांच कर रिपोर्ट निदेशालय भेजकर मार्गदर्शन मांग लिया जाएगा। ज्ञापन के दौरान पीडि़त अभिभावकों में प्रेमलता, सोनिया, महावीर, मनफूल, रेखा एवं सुमित्रा आदि मौजूद थीं।
स्थाईकरण का शिक्षक संघ को मिला आश्वासन
नागौर. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिलाध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड़ के नेतृत्व में शिक्षकों के स्थाईकरण व वेतन नियमतिकरण के संदर्भ में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी संपतराम को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया कि इसमें 2018 शिक्षक भर्ती में नियुक्त 950 शिक्षकों के स्थायीकरण प्रकरण 3 महीने बाद लंबित है। इसके कारण शिक्षकों को पूरा वेतन नहीं मिल पा रहा। इस पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने आश्वासन दिया कि आचार संहिता हटते ही सभी शिक्षकों का स्थायीकरण आदेश जारी कर दिए जाएंगे।उसके पश्चात मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद नागौर जवाहर चौधरी से भी वार्ता कर जल्दी स्थायीकरण की मांग की गई। उन्होंने भी नौ फरवरी से पहले स्थायीकरण करने का विश्वास दिलाया। चेतावनी दी यदि 14 फरवरी तक स्थाईकरण आदेश जारी नहीं किए जाते हैं तो संगठन घेराव करेगा। प्रतिनिधि मंडल में अर्जुनराम लोमरोड़,हेमंत शर्मा,सुभाष सहारण,अशोक कुमार,ललित किशोर,जोगेंद्र सिंह,नरेंद्र कुमार, बुद्धाराम सियाक,रमेश चौहान,अभिषेक भाटी आदि शामिल थे।