
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve bank of India) की ओर से शनिवार को बयान आया कि 100 रुपए, 10 रुपए और 5 रुपए के पुराने नोटों की सीरीज वापस ली जा सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई (RBI) के असिस्टेंट जनरल मैनेजर बी महेश का कहना था कि आरबीआई इन पुराने नोटों की सीरीज को वापस लेने की योजना पर काम कर रही है.
रिपोर्ट्स में बताया गया कि 100 रुपए, 10 रुपए और 5 रुपए के पुराने नोट के बदले नए नोट पहले से ही सर्कुलेशन में आ चुके हैं, इसलिए पुरानी करेंसी की सीरीज वापस ली जा सकती है. इसके बाद खबरें वायरल हो गईं कि 5, 10 और 100 रुपए के नोट बंद किए जा रहे हैं. हालांकि आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि 5, 10 और 100 रुपये के नोटों को बंद नहीं किया जाएगा.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर जो नोट बंद किए जाते हैं तो पुराने नोटों का आखिर होता क्या है?
नोटबंदी के समय भी मची थी अफरातफरी
पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने आरबीआई के हवाले से स्पष्ट किया है कि 100 रुपए, 10 रुपए और 5 रुपए के पुराने नोट बंद नहीं किए जा रहे हैं. आपको याद होगा कि इससे पहले नोटबंदी के समय जब 1,000 और 500 रुपये के नोट बाजार से एकदम से चलन से बाहर किए गए थे तो इससे लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की बातें सामने आईं कि आरबीआई (RBI) ने 5, 10 और 100 रुपये के की कीमत के नए नोट बाजार में काफी पहले जारी कर दिए हैं और ये नोट सर्कुलेशन में आ चुके हैं. ऐसे में पुरानी सीरीज के नोटों को वापस लिए जाने के कदम को नोटबंदी के तौर पर नहीं देखा जा सकता.
चलन से बाहर होने के बाद पुराने नोटों का आखिर होता क्या है?
आरबीआई द्वारा पुराने नोटों का चलन बंद होने की खबरें मीडिया में सामने आईं तो लोगों के मन में यही सवाल उठने लगा कि उनके पास पड़े पुराने नोटों का क्या होगा? दरअसल, इसमें घबराने की कोई बात नहीं होती और न ही अफरा—तफरी की जरूरत होती है.
दिल्ली के लक्ष्मीनगर स्थिति एक फर्म चलाने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित कुमार बताते हैं कि इसकी एक सुविधाजनक प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया के दौरान RBI पुराने नोटों को चलन से बाहर करने से पहले उसी कीमत के नए नोट बाजार में जारी करती है. जब बाजार में नए नोट Circulation में आ जाते हैं, तब पुराने नोटों को वापस लिया जाता है.
लोगों को नहीं होता कोई नुकसान
करीब दो साल पहले देश में फेक करेंसी पर रोक लगाने के लिहाज से कई कीमतों के नए नोट जारी किए गए थे. जब ये नए नोट बाजार में चलन में आ चुके होते हैं, तो फेक करेंसी पर रोक लगाने के लिए नोटों की पुरानी सीरीज को वापस लिया जाता है. सीए अमित के मुताबिक, इसे नोटबंदी नहीं कहा जा सकता.
अमित बताते हैं कि जब भी किसी पुराने नोट के चलन पर रोक लगती है, तब लोगों को ये पुराने नोट बैंक में जमा करने का समय दिया जाता है. जैसा कि नोटबंदी के समय दिया गया था. आपके पास जितने भी पुराने नोट होते हैं, उनकी कुल राशि आपको नई करेंसी के तौर पर दे दी जाती है या फिर उतनी ही राशि आपके बैंक अकाउंट में जमा कर दी जाती है.
वे बताते हैं कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि 100 रुपए, 10 रुपए और 5 रुपए के पुराने नोट अभी बंद नहीं किए गए हैं. किसी भी तरह की अफवाहों से बचने की जरूरत है.
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