
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में निर्धारित बदलावों को ध्यान में रखते हुए अब सीबीएसई ने बड़ा फैसल लिया है. सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी (Anurag Tripathi) ने कहा, CBSE बोर्ड एनईपी में शिक्षा सुधारों को लेकर की गई सिफारिशों के अनुरूप संबद्धता प्रणाली (Affiliation system) अब पूरी तरह से डिजिटल होगी और यह न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप (Minimal Human Intervention) के साथ डेटा विश्लेषण पर आधारित होगी.
अनुराग त्रिपाठी ने कहा, ये बदलाव सीबीएसई संबद्धता प्रणाली (Affiliation system) के काम को आसान बनाएगा. बताया जा रहा है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी की सिफारिशों को लागू करने के नजरिए से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों की संबद्धता से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन के लक्ष्य के अनुरूप, स्वचालित होगा और इसमें डेटा के आधार पर निर्णय लिए जाएंगे.
डिजिटल होने से आएगी पारदर्शिता
सीबीएसई के सेक्रेटरी ने स्कूलों के एफ्लिकेशन सिस्टम को डिजिटल होने के लाभ बताए. उन्होंने कहा कि इससे कार्य प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और समूची प्रणालीगत प्रक्रिया में कहीं अधिक जवाबदेही भी आएगी. साथ ही सभी आवेदनों का शीघ्र एवं समयबद्ध तरीके से निपटारा हो सकेगा. त्रिपाठी ने कहा कि बोर्ड जल्द ही नयी प्रणाली पर एक विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा.
समय सीमा में संशोधन
त्रिपाठी ने बताया कि संबद्धता विस्तारित करने के लिए आवेदन हर साल एक मार्च से 31 मई तक स्वीकार किये जाएंगे. गौरतलब है कि देश भर में और विदेशों में सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त 24,930 स्कूल हैं, जिनमें दो करोड़ से अधिक छात्र और 10 लाख से अधिक शिक्षक हैं. संबद्धता नियमावली 1998 में बनाई गई थी.
पुराने नियम के मुताबिक पूरे साल संबद्धता के लिए आवेदन (Application for Affiliation) किए जाने की स्कूलों को छूट दी गई थी. मगर सत्र 2021-22 में एफ्लिकेशन सिस्टम को और पारदर्शी बनाने और आंकड़ों में क्लैरिटी लाने के नजरिए से बोर्ड ने नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है.
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