
जयपुर में ऑनलाइन क्लास के दौरान सहपाठियों को गाली देने के लिए 12 साल के छात्र पर जांच चल रही है. छात्र ने स्कूल को दिए गए जवाब में कहा है कि वह इस धारणा में था कि उसने ऑडियो म्यूट कर दिया है और फोन पर एक दोस्त के साथ बात करते हुए गाली-गलौज कर रहा था. एक छात्रा के अभिभावक स्कूल प्रशासन के सामने मामला लेकर आए. जो छात्र को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं.
स्कूल छात्र को कुछ समय के लिए ऑनलाइन क्लास से सस्पेंड करके मामला सुलझाने की कोशिश कर रहा है. जबकि छात्रा के माता-पिता ने स्कूल को आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की बात कही हैं. शहर में केवल एक यही मामला नहीं है. जयपुर पुलिस ऑनलाइन क्लास के दौरान गलत आचरण से संबंधित तीन मामलों की जांच कर रही है.
छात्रा को भेजी गंदी तस्वीरें
भांकरोटा पुलिस एक मामले की जांच कर रही है. इसमें शिकायतकर्ता की 13 वर्षीय बेटी जो एशियन वर्ल्ड स्कूल में पढ़ती है, उसे जूम क्लास के दौरान इनबॉक्स में यौन सामग्री प्राप्त हुई. स्कूल ने आरोपी छात्र को टर्मिनेट कर दिया है. पीड़ित छात्रा के पिता ने यौन सामग्री के स्क्रीनशॉट को मुख्य सबूत बनाया. भांकरोटा एसएचओ मुकेश चौधरी ने बताया कि आरोपी छात्र ने मामले में अपने बड़े भाई को दोषी ठहराया है. पुलिस इन मामलों में धीमी जांच कर रही है क्योंकि मामला आईटी अधिनियम के अंतर्गत आते ही 5 साल की कठोर सजा का प्रावधान है.
मामले में जांच कर रहे मुकेश चौधरी जयपुर पुलिस में साइबर क्राइम विशेषज्ञ हैं. उन्होंने कहा कि कई मामलों में छात्रों को लगता है कि उनकी पहचान नहीं हो पाएगी. हालांकि वो यह नहीं जानते कि जो उन्हें कैजुअल लगता है उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. मैं विश्वास दिलाता हूं कि आईपी एड्रेस और डिवाइस की जानकारी से अपराधियों का पता लगाना काफी आसान है.
पुलिस को सूचना देने में न करें संकोच
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, अजय पाल लांबा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शहर में वेब क्लासेज के दौरान स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा अपमानजनक सामग्री साझा करने के मामले सामने आ रहे हैं. मैं अभिभावकों और स्कूलों को सलाह देता हूं कि वे क्लासेज के दौरान विद्यार्थियों पर निगरानी रखें और ऐसी घटनाओं की सूचना पुलिस को देने में संकोच न करें.
हालांकि इस मामले को लेकर शिक्षाविदों की राय अलग है. शिक्षाविद दामोदर गोयल का कहना है कि पुलिस और सरकार को मामले में तब तक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जब तक कि मामला लॉ एंड ऑर्डर का न हो. ऑनलाइन क्लास में छात्रों द्वारा गलत सामग्री साझा करना, समाज में जो कुछ चल रहा है उसका नतीजा है. मैं ऐसे मामलों में आपराधिक कानूनों को लागू करने खिलाफ हूं. ऐसे मामलों में बच्चों को उचित रूप से समझाने की और सुझाव देने की जरूरत है.
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