Sunday, March 7, 2021
Zooka News
No Result
View All Result
  • Login
  • Home
  • State
    • Rajasthan
    • Rajasthan Patrika
  • EducationLive
  • Knowledge
  • Tech
  • Science
  • Business
  • Health
  • World
Download App
  • Home
  • State
    • Rajasthan
    • Rajasthan Patrika
  • EducationLive
  • Knowledge
  • Tech
  • Science
  • Business
  • Health
  • World
No Result
View All Result
Zooka News
No Result
View All Result

टीम इंडिया की वो दीवार जिसे अपने ही कोसते हैं और दर्द देते हैं लेकिन बिना थके वो देश का नाम रोशन करता है

by
January 25, 2021
Reading Time: 1min read
Share On WhatsAppShare on FacebookShare on Twitter
Cheteshwar Pujara

तीन साल का एक बच्चा. उसे उसके चाचा ने एक क्रिकेट बैट दिया. घर आकर वह बच्चा उसे बैट से खेलने लगा. खेलने के दौरान किसी ने उस बच्चे की फोटो ले ली. बाद में वह फोटो उस बच्चे के पिता को मिली. उन्होंने फोटो को देखा तो देखते ही रह गए. लेकिन उनकी नज़रें अपने बेटे पर नहीं थी. बल्कि उसकी आंखों और बल्ले को पकड़ने के तरीके पर थी. वह अचंभित थे. तीन साल की उम्र में जिस तरीके से उस बच्चे ने बैट को पकड़ा था उससे पिता ने फैसला कर लिया कि वह उसे क्रिकेटर बनाएंगे. पिता खुद भी क्रिकेटर रह चुके थे तो खेल की बेसिक समझ थी. और वही बेसिक समझ आगे चलकर कामयाब हुई और भारतीय टीम को नई दीवार मिली. उस बच्चे का नाम है चेतेश्वर पुजारा(Cheteshwar Pujara). जिनका आज जन्म है. 25 जनवरी 1988 को अरविंद और रीना पुजारा के घर में उनका जन्म हुआ था. और यहीं से क्रिकेट का ककहरा सीखकर आज वे भारत की टेस्ट टीम के मुख्य चेहरों में से एक है.

पुजारा की मां रीना का कैंसर से निधन हो गया. लेकिन दुनिया को अलविदा कहने से पहले वे पति से कह गईं थी कि चेतेश्वर देश के लिए क्रिकेट खेलेगा. और उन्हें कभी भी उस पर एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ेगा. आगे जाकर यह बात सही साबित हुई. घरेलू क्रिकेट में सौराष्ट्र के लिए खेलते-खेलते पुजारा ने भारतीय टीम में जगह बनाई और पुरजोर तरीके से बनाई. वे टेस्ट टीम का हिस्सा बने. और उस जगह खेलते हैं जहां कभी राहुल द्रविड़ खेलते थे. यानी नंबर तीन की जगह. किसी भी क्रिकेट टीम की सबसे निर्णायक जगहों में से एक. एक बार इस जगह खेलने लगे तो हमेशा के लिए इसे अपना बना लिया.

‘यो यो हनी सिंह के जमाने में एक क्लासिकल म्यूजिशियन पुजारा’

कभी-कभी ऐसा लगता है कि चेतेश्वर पुजारा का जन्म टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए ही हुआ है. वे आज भी टेस्ट क्रिकेट की उस परंपरा के झंडाबरदार हैं जो पुरानी पड़ चुकी है लेकिन जिसे देखकर हमेशा वाह निकलती है. नहीं तो टी20 क्रिकेट के इस जमाने में जहां एक सीजन खेलकर ही नौजवान क्रिकेटर महंगी गाड़ियों से घूमते हैं वहां कौन केवल टेस्ट क्रिकेट से अपनी गुजरबसर करता है? कौन काउंटरअटैकिंग के इस जमाने में गेंदबाजों को थका-थकाकर रन बनाने का लुत्फ लेता है? कौन टैटू बनाने लायक बाइसेप्स के लिए जरूरी कसरत से ज्यादा लंबे समय तक बैटिंग कर सकने के लिए फिटनेस पर काम करता है? कौन ऐसा है जो स्पिनर को छक्का लगाने के बजाए क्रीज से बाहर निकलकर ‘अलॉन्ग दी ग्राउंड’ चौका मारने पर मेहनत करता है? यह सब कुछ केवल एक ही आदमी करता है चेतेश्वर पुजारा. जैसा कि हर्षा भोगले कहते हैं, ‘चेतेश्वर पुजारा यो यो हनी सिंह के जमाने में एक क्लासिकल म्यूजिशियन की तरह है.’

‘This man just bats, and bats and bats!’

पुजारा जिन्होंने 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 521 रन बनाए. 1258 गेंदों का सामना किया. और भारत को पहली बार कंगारु जमीन पर टेस्ट में बेस्ट बनाया. जब ऑस्ट्रेलियाई टीम की पूरी रणनीति विराट कोहली को लेकर थी जब यह पुजारा ही थे जिन्होंने बिना कोई हो-हल्ला किए अपने बल्ले के दम पर कंगारुओं के नीचे से जमीन खींच ली. और तिरंगा लहरा दिया. तभी तो एक ऑस्ट्रेलियन कमेंटेटर ने कहा था- This man just bats, and bats and bats!

जब कोहली टेस्ट में स्ट्राइक जांचने लगे

दो साल बाद हाल ही में जब भारत फिर से ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गया तो पुजारा की बैटिंग स्टाइल को कोसा गया. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स और एक्सपर्ट ने कहा कि उनकी बैटिंग भारतीय टीम को पीछे धकेल देती है. लेकिन पुजारा के लिए यह नई बात नहीं थी. साल 2014-15 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान, 2016 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ और 2018 में इंग्लैड दौरे पर विराट कोहली उन्हें टीम से बाहर बैठा चुके थे. वजह- पुजारा की धीमी बैटिंग. कोहली के शब्द थे- पुजारा को अपनी स्ट्राइक रेट में सुधार करना होगा. तब के भारतीय टीम के कोच अनिल कुंबले ने कहा था कि टेस्ट में बल्लेबाजों की नहीं गेंदबाजों की स्ट्राइक रेट देखी जाती है. बाद में कुंबले की ही छुट्टी हो गई थी. लेकिन पुजारा अपने खेल में लगे. जब भी वापस आए तब रन बनाए.

दर्द होता है पर पेन किलर नहीं लेते पुजारा

ऑस्ट्रेलिया के हालिया दौरे में भी यही हुआ. एक समय जो लोग पुजारा की स्लो बैटिंग का मजाक बनाया गया. उसे हराने वाली बैटिंग कहा गया. लेकिन जब सिडनी में मैच बचाने की बात आई तो लोग थूककर चाट गए. कहने लगे कि अब तो पुजारा का ही सहारा है. उन्हें ही टिककर खेलना होगा. पुजारा ने इन सबसे बेपरवाह होकर अपना काम किया. उन्होंने इस दौरे पर 271 रन बनाए. भारत के लिए दूसरे सबसे ज्यादा. ब्रिस्बेन में 21 बार गेंद पुजारा के शरीर पर लगी. लेकिन एक बार भी इस खिलाड़ी ने पेन किलर नहीं लगी. वजह- क्योंकि एक बार बचपन में उन्होंने एक डॉक्टर को कहते सुना था कि पेन किलर केवल दर्द को लेकर दिमाग को गुमराह करते हैं. उससे दर्द ठीक नहीं होता. तब से पुजारा ने कभी पेन किलर नहीं.

ऐसा ही विश्वास पुजारा का अपनी बैटिंग को लेकर है. ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान ही उन्होंने कहा था कि उनके बैटिंग करने का यही तरीका है और वे शुरुआत से ही ऐसे ही खेलते रहे हैं. उनके लिए यह तरीका सूट करता है. कितनी दिलचस्प बात है कि टी20 क्रिकेट के जमाने में हमें लगता है कि ताबड़तोड़ बैटिंग करना ही नैचुरल बैटिंग होती है. डिफेंसिव बैटिंग नैचुरल हो ही नहीं सकती. लेकिन पुजारा इस समय के नैचुरल डिफेंसिव बल्लेबाज है. टेस्ट क्रिकेट के बने रहने के लिए हमें पुजारा की जरूरत है. क्योंकि काफी भाग लेने के बाद जैसे ठहककर दम भर सांस चाहिए होती है वैसे ही एक कामयाब टेस्ट टीम को पुजारा चाहिए होता है.

चलते-चलते

क्या आपको पता है पुजारा के नाम टी20 शतक है? हां. यह सच बात है. पुजारा ने साल 2019 की सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में रेलवे के खिलाफ 61 गेंद में 14 चौकों और एक छक्के के सहारे नाबाद 100 रन बनाए थे. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट था 163.93. लेकिन आईपीएल में उन पर कोई दांव लगाता. सच कहा जाए तो भरोसा नहीं जताता.

चेतेश्वर पुजारा ने केवल पांच वनडे खेले हैं. ये वनडे 11 महीने की अवधि में खेले. लेकिन कभी न तो उन पर भरोसा जताया गया और न ही लंबा मौका दिया गया. क्योंकि वह टेस्ट स्पेशलिस्ट थे. और जब वे टेस्ट खेलते हैं तो उनकी स्ट्राइक रेट देखी जाता है. कैसी विडंबना है!!! ख़ैर.

हैप्पी बर्थडे चेतेश्वर पुजारा.

ये भी पढ़ें: Rahul Dravid Birthday: निस्‍वार्थ क्रिकेटर, बेमिसाल इंसान… राहुल द्रविड़ को जानने के लिए ये खबर जरूर पढ़ें

The post टीम इंडिया की वो दीवार जिसे अपने ही कोसते हैं और दर्द देते हैं लेकिन बिना थके वो देश का नाम रोशन करता है appeared first on TV9 Hindi.

Leave a Reply Cancel reply

Mail us:-kuldeep.siraswar@gmail.com

© 2020 Zooka News
Developed And Design By:-Kuldeep Siraswar

No Result
View All Result
  • Home
  • State
    • Rajasthan
    • Rajasthan Patrika
  • Education
  • Knowledge
  • Tech
  • Science
  • Business
  • Health
  • World

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In