
ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम (Indian Team) के लिए कुछ नए सितारे उभरकर सामने आए. इनमें से एक हैं वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar), जिन्होंने ब्रिस्बेन (Brisbane) में हुए सीरीज के आखिरी मैच में डेब्यू किया. इस मैच में सुंदर ने बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन किया. वॉशिंगटन ने गेंदबाजी से जलवा बिखेरने के बाद बैटिंग में भी कमाल किया और 2 अहम पारियां खेलीं. वॉशिंगटन ने दोनों पारियों में मिलाकर 84 रनों का जरूरी योगदान दिया. अब इस मैच में वॉशिंगटन को लेकर एक मजेदार खुलासा हुआ है. टीम के फील्डिंग कोच आर श्रीधर (R Sridhar) ने बताया है कि इस मैच से पहले वॉशिंगटन के पास बैटिंग के लिए सफेद पैड तक नहीं थे.
टीम इंडिया (Team India) के लिए 2017 में टी20 फॉर्मेट में डेब्यू करने वाले वॉशिंगटन को पहली बार इसी सीरीज में टेस्ट क्रिकेट का स्वाद मिला. लेकिन असल में वह टेस्ट सीरीज का हिस्सा थे भी नहीं. वह सिर्फ टी20 सीरीज के लिए टीम में चुने गए थे, लेकिन टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें रोका गया था. टीम मैनेजमेंट उन्हें नेट गेंदबाज के तौर पर इस्तेमाल कर रही थी, ताकि भारतीय बल्लेबाजों को नाथन लायन (Nathan Lyon) की गेंदबाजी का सामना करने में आसानी हो.
मैच शुरू होने के बाद खरीदे नए पैड
सिर्फ टी20 सीरीज का हिस्सा होने के कारण वॉशिंगटन अपने साथ सफेद पैड नहीं ले गए थे. यहां तक कि उन्होंने आखिरी फर्स्ट क्लास मैच 2017 में खेला था. ऐसे में लंबे फॉर्मेट के लिए जरूरी किट उनके पास नहीं था. लेकिन सिडनी टेस्ट के रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के बाहर होने के कारण उन्हें टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला. हालांकि, उनके पास सफेद पैड नहीं थे और टेस्ट मैच शुरू हो चुका था.
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए टीम के फील्डिंग कोच श्रीधर ने इस बारे में बताया है कि उन्हें मैच शुरू होने के बाद बाजार जाकर नए पैड खरीदने पड़े. श्रीधर ने बताया,
“हमने (टीम के खिलाड़ियों के) कई पैड इस्तेमाल करके देखे, लेकिन सुंदर लंबे हैं और उन पर वह छोटे हो रहे थे. हमने ऑस्ट्रेलियाई टीम से मांगने चाहे, लेकिन कोविड के कारण वह अपने पैड हमें नहीं दे सकते थे. आखिरकार टेस्ट मैच शुरू होने के बाद हमें एक दुकान में जाकर तलाश करनी पड़ी.”
सुंदर ने पहले ही टेस्ट में किया कमाल
सुंदर को टीम में शामिल करने का फैसला एकदम सही साबित हुआ. 21 साल के सुंदर ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 3 अहम विकेट झटके, जिसमें स्टीव स्मिथ का सबसे बड़ा विकेट था. इसके बाद भारतीय पारी में सुंदर ने शार्दुल ठाकुर के साथ मिलकर ऐतिहासिक शतकीय साझेदारी की और टीम को मुश्किल से उबारा. सु्ंदर ने 62 रन बनाए. फिर अगली पारी में सुंदर ने खतरनाक दिख रहे डेविड वॉर्नर का विकेट झटका. मैच के आखिरी दिन सुंर ने 29 गेंदों में 22 रनों की तेज पारी खेल भारत को लक्ष्य के करीब पहुंचाकर ऐतिहासिक जीत में अपना योगदान दिया.
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